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भाजपा पर बढ़ा टिकट घोषित करने का दबाव

रैलियों और जनसभाओं के लिए भाजपा टिकट के दावेदारों का शक्ति परीक्षण करती रही है। अब भाजपा के सभी कार्यक्रम अंतिम दौर में चल रहे हैं। ऐसे में टिकट चाहने वालों का दबाव बढ़ने लगा है। बसपा और सपा ने अपने ज्यादातर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसलिए जनवरी तक भाजपा भी टिकट की पहली सूची जारी कर सकती है। 1समाजवादी पार्टी ने करीब-करीब अपनी सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। यह चर्चा जरूर है कि सपा अपने कुछ विधायकों के टिकट काटेगी, लेकिन उनकी ओर से भागदौड़ जारी है। बसपा ने भी 85 फीसद से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी/प्रत्याशी घोषित किये हैं। यह सही है कि भाजपा में आने वालों की तादाद बढ़ रही है। बसपा, सपा और कांग्रेस के कई विधायक टूटकर भाजपा में शामिल हुए हैं, उन क्षेत्रों में हलचल मची है। 2014 के चुनाव में भाजपा ने 337 विधानसभा क्षेत्रों में पहला स्थान हासिल किया था। इस वजह से ज्यादातर दावेदारों को लग रहा है कि भाजपा का टिकट मिलने के बाद जीत पक्की हो जाएगी। भाजपा से चुनाव लड़ने वाले मैदान में उतरकर अपना माहौल बनाना चाहते हैं, लेकिन स्थिति यह है कि हर क्षेत्र में आठ से दस मजबूत दावेदार हैं। टिकट पक्का न होने की स्थिति में वह क्षेत्र में खुलकर खेल नहीं पा रहे हैं।

Source : Dainik Jagran






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