कपिल मिश्रा के केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों पर भी अहम सवाल
इंडिया वोट कर टीम के अनुसार
दिल्ली की राजनीति में पिछले कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम में रविवार को एक नया मोड़ आया, जब दिल्ली कैबिनेट के पूर्व सदस्य कपिल मिश्रा ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए। भ्रष्टाचार विरोध आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल पर उनकी ही कैबिनेट में मंत्री रहे कपिल मिश्रा के इन आरोपों ने कई सवाल खड़े किए हैं।
जहां इन आरोपों ने केजरीवाल की छवि को ठेस पहुंचाई है, वहीं मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद मिश्रा के इन आरोपों को लेकर कानूनी पक्ष का भी एक अहम सवाल खड़ा होता है। क्या केवल मौखिक आरोप के सहारे केजरीवाल के खिलाफ जांच शुरू की जा सकती है, यह सवाल भी है। इस मसले पर कानूनी जानकारों का कहना है कि अभी तक की स्थिति को देखें तो कोई ठोस प्रमाण नजर नहीं आ रहा है, जिसके आधार पर जांच शुरू की जा सके। अगर कपिल मिश्रा को अपने आरोप साबित करने हैं तो उन्हें ठोस प्रमाण व सबूत पेश करने होंगे, तभी जांच एजेंसियां इन आरोपों पर कार्रवाई कर सकेंगी।
सुप्रीम कोर्ट के ऐडवोकेट एम. एल. लाहौटी का कहना है कि अभी तक इस मामले को लेकर जो घटनाक्रम देखने को मिला है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि पूर्व मंत्री के आरोप की पॉलिटिकल वैल्यू तो बेशक हो सकती है लेकिन लीगल वैल्यू अभी नजर नहीं आती। अब कल क्या होगा, इस बारे में तो कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन अभी तक जो केस है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि केवल बयान के आधार पर कोई जांच या केस नहीं बन रहा है। एलजी को शिकायत की गई है लेकिन एलजी भी अभी इस मामले को देखेंगे कि क्या केस बन रहा है और क्या हो सकता है और इस तरह के मामलों पर कोई फैसले के लिए समय लगेगा।
Source : Navbharattimes


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