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भागीरथी इको सेंसिटिव जोन पर उत्तराखंड की सियासत गर्म

इंडिया वोट कर टीम के अनुसार
भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है। केंद्र के रुख से नाराज मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना देने का एलान किया तो प्रदेश कांग्रेस भी उनके समर्थन में उतर आई।
मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने एलान किया कि पांच जनवरी को पार्टी भी धरने में शिरकत करेगी। इस बीच मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इको सेंसिटिव जोन का उनका विरोध चुनावी कारणों की वजह से नहीं है। उन्होंने केंद्र के फैसले को विकासबंदी करार देते हुये कहा कि वह इस समय आवाज नहीं उठाएंगे तो कब उठाएंगे। उन्होंने राज्यहित की इस लड़ाई में विपक्ष को भी साथ आने को कहा।

इको सेंसिटिव के मुद्दे पर सोमवार पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस भवन में एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इको सेंसिटिव जोन के मामले में केंद्र पर राज्य से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। सीएम का समर्थन करते हुये उन्होंने कहा कि समूची कांग्रेस उनके साथ है और पांच जनवरी को पार्टी के सभी नेता व कार्यकर्ता जंतर-मंतर में धरने में शामिल होंगे।

उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य को रसोई गैस में 50 फीसदी की सब्सिडी देने, ग्रीन बोनस जारी करने, वृक्ष की खेती से जुड़े किसानों को 2000 रुपये सालाना बोनस देने, जलाशयों पर राज्य को अधिकार देने की मांग की।

इस दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कांग्रेस भवन पहुंचे। इको सेंसिटिव जोन पर उन्होंने अपने स्टैंड को दोहराया। विपक्ष द्वारा चुनावी स्टंट करार दिये जाने से प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई चुनावी कारण नहीं है।यदि वह अब आवाज नहीं उठाएंगे जनता सवाल करेगी कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य हित में सबको साथ आकर खड़े होना चाहिए।

Politics High On Bhagirathi Eco Sensitive Zone

Source : Amar Ujala






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